
इस्लामाबाद से फिर वही पुरानी कहानी, नए पैकिंग में। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने दावा किया है कि “भारत पाकिस्तान को दो फ्रंट्स — ईस्ट और वेस्ट — पर व्यस्त रखना चाहता है।”
आसिफ़ ने कहा कि “भारत आतंकवाद में शामिल है और सबूत हमारे पास हैं।” (जो हर बार की तरह, “मौका मिलने पर दिखाए जाएंगे।”)
‘अफ़ग़ानिस्तान कार्ड’ फिर टेबल पर
ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा कि “पाकिस्तान के सभी संस्थान और जनता इस बात पर सहमत हैं कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती से हमारे क्षेत्र में आतंकवाद रुकना चाहिए।”
यानि अब तालिबान का मुद्दा भी भारत से जोड़ दिया गया है। कहानी वही, किरदार वही — बस लोकेशन इस बार काबुल हो गई है।
‘दो मोर्चों’ का फंडा क्या है?
आसिफ़ का मतलब साफ़ था — पूर्वी सीमा यानी भारत, और पश्चिमी यानी अफ़ग़ानिस्तान। उनके मुताबिक़, भारत चाहता है कि पाकिस्तान दोनों तरफ़ फँसा रहे, ताकि “इस्लामाबाद को सांस लेने की भी फुर्सत न मिले।”
लेकिन “भारत के पास इतने मोर्चे खोलने का टाइम नहीं, पाकिस्तान खुद अपने मोर्चे रोज़ अपडेट करता है।”

पहलगाम अटैक से शुरू हुई तनाव की नई लाइन
इस साल अप्रैल में पहलगाम अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते फिर से ठंडे पड़े। मई में सीमा पर झड़प और फिर सितंबर में अफ़ग़ान बॉर्डर पर संघर्ष हुआ। अब तुर्की और क़तर की “मध्यस्थता सेवा” से संघर्षविराम लगा — यानी “थोड़ा ड्रामा पॉज़ पर।”
पाकिस्तान का नया जुमला — ‘Busy by India Ltd.’
कभी मौसम की साज़िश, कभी पड़ोसी की चाल। हर बार पाकिस्तान की प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे लगती है जैसे “Breaking News” के नाम पर Script Reading चल रही हो!
“भारत हमें दो फ्रंट्स पर व्यस्त रखना चाहता है।”
— ख़्वाजा आसिफ़, डिफेंस मिनिस्टर, Republic of Confusionistan
‘सबूत बाद में दिखाएंगे’ का सीज़न फिर ऑन!
ख़्वाजा आसिफ़ का बयान पाकिस्तान की वही पुरानी “India-centric politics” का रिपीट टेलीकास्ट लगता है। इस बीच भारत ने अब तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है — शायद इसलिए कि “ड्रामा को जवाब नहीं, ब्रेक चाहिए।”
